Friday, September 5, 2008

ऐलान

ऐलान उसका देखिये, के वो मज़े में है
या तो कोई फ़क़ीर है, या फिर नशे में है
दौलत बटोर ली मगर अपने तो खो दिये
और वो समझ रहा है, बड़े फ़ायदे में है

4 comments:

संगीता पुरी said...

जिसे महत्वपूर्ण समझा , उसने वही बटोरा.......जिसे महत्वपूर्ण नहीं समझा , उसे खो दिया.......मजे में तो वह है ही , क्योंकि महत्वपूर्ण वस्तु उसके साथ है।

Udan Tashtari said...

बेहतरीन!!!

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निवेदन

आप लिखते हैं, अपने ब्लॉग पर छापते हैं. आप चाहते हैं लोग आपको पढ़ें और आपको बतायें कि उनकी प्रतिक्रिया क्या है.

ऐसा ही सब चाहते हैं.

कृप्या दूसरों को पढ़ने और टिप्पणी कर अपनी प्रतिक्रिया देने में संकोच न करें.

हिन्दी चिट्ठाकारी को सुदृण बनाने एवं उसके प्रसार-प्रचार के लिए यह कदम अति महत्वपूर्ण है, इसमें अपना भरसक योगदान करें.

-समीर लाल
-उड़न तश्तरी

adab-ghar said...

मैं आपसे सहमत हूं समीर जी। आज ही टिप्पणी करना सीखा है। आगे से कंजूसी नहीं होगी।

PREETI BARTHWAL said...

बहुत बढ़िया