Saturday, August 30, 2008

माई....

लाल तेरा कमाल है माई
सुनके कितनी निहाल है माई
जिनके सर का बवाल है माई
उनपे कैसी निहाल है माई
चैन से सो रहे हैं क्यूं बच्चे
रोटियों का कमाल है माई
भूख़ हो तो भजन नहीं होता
इक पुरानी मिसाल है माई
तेरी ख़िदमत करेंगे ये बच्चे
सिर्फ़ तेरा ख़याल है माई
नाम बेटों के कर दिया सबकुछ
घर से तेरा निकाल है माई

1 comment:

बवाल said...

बहुत ख़ूब कहा आपने। क्या बात है!