मिट गये हम उफ़ न की है देख ले
किस कदर दीवानगी है देख ले
ज़िन्दगी भर साथ देने की कसम
यार पूरी ज़िन्दगी है देख ले
ये हवेली कल शहर की शान थी
आज ये सूनी पड़ी है देख ले
इससे पहले मैक़दा हो जाये बन्द
ख़त्म है या कुछ बची है देख ले
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2 comments:
bhut badhiya rachana. badhai ho. jari rhe.
aap apna word verification hata le taki humko tipani dene me aasani ho.
बहुत बढिया.
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