Wednesday, August 13, 2008

अपनापन

सपने सच करने की धुन में, अपने सब खो जायेंगे
अपनों से, अपनापन रखना, सपने सच हो जायेंगे

हासिल तो क्या होना है बस, भरम तेरा रह जयेगा
तेरे आगे, अपने दुखड़े, चल, हम भी रो जायेंगे

तनख़्वाह दूर, खिलौनों की ज़िद, और बहाने बचे नहीं
आज, देर से घर जाना है, बच्चे जब सो जायेंगे

3 comments:

Rajneesh said...

bahut khoob.

राजीव रंजन प्रसाद said...

तनख़्वाह दूर, खिलौनों की ज़िद, और बहाने बचे नहीं
आज, देर से घर जाना है, बच्चे जब सो जायेंगे

मार्मिक...


***राजीव रंजन प्रसाद

www.rajeevnhpc.blogspot.com
www.kuhukakona.blogspot.com

Udan Tashtari said...

तनख़्वाह दूर, खिलौनों की ज़िद, और बहाने बचे नहीं
आज, देर से घर जाना है, बच्चे जब सो जायेंगे

-झंकझोर दिया पवन भाई. बहुत खूब!!