Tuesday, August 5, 2008

यारो

ये जो सर पर उधार है यारो
जग-दिखावे की मार है यारो
तुम समझते हो उसको आवारा
वो तो बे-रोज़ग़ार है यारो......

4 comments:

श्रद्धा जैन said...

bhaut achha sher

Shiv said...

बहुत बढ़िया...

Udan Tashtari said...

वाह वाह!!
बहुत खूब!!

अमिताभ मीत said...

अच्छा है भाई. वाह !