Saturday, January 26, 2008

प्यार .........

परवाह नहीं करता जो, साहिल हो या मझधार
जिसको डरा ना पाये कोई तीर न तलवार
दुनियाँ की सबसे पाक़ चीज़ क्या है मेरे यार
प्यार प्यार वो है प्यार प्यार .........
हमारे दिल तो सभी के हैं सीपियों की तरह
किसी किसी मे ये मिलता है मोतियों की तरह
कहीं राधा, कहीं मीरा, कहीं घनश्याम है ये
कहीं विरह मे तड़पता है गोपियों की तरह
कहने को ढाई आखर, पर ज़िन्दगी का सार
प्यार प्यार वो है प्यार प्यार ..............
किसी की आँख मे चमके है आँसुओं की तरह
किसी के दिल मे ये दमके है जुगनुओं की तरह
इसकी दीवानगी मे ख़ार फूल लगते हैं
प्यार दिल मे जो महकता है ख़ुश्बुओं की तरह
गुलशन से फूल सब चुने, दीवाने चुने ख़ार
प्यार प्यार वो है प्यार प्यार.......
ये है रहीम का धागा, कबीर की चादर
राम तुलसी के लिये और सूर का गिरधर
पीर मीरा की है, रैदास की कठौती है
ये है सुकरात का प्याला ज़रा देखो पी कर
जो पी ले इसे उसका उतरे नहीं ख़ुमार प्यार प्यार वो है प्यार प्यार...........
बाप की डाँट मे है और माँ के आँचल में
किसी के बेर में है और किसी के चावल में
किसी की राखियों में है, किसी की मेंहदी में
किसी के आंसुओं के साथ बहे काजल में
एक रंग प्यार का है, पर रूप हैं हज़ार
प्यार प्यार वो है प्यार प्यार..........
पवन दीक्षित

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