skip to main
|
skip to sidebar
adab-ghar
Saturday, May 10, 2008
बच कर बैठा
वो जो मुझसे बच कर बैठा
अफ़वाहों को सच कर बैठा
मैं तो सच की ज़िद में अपना
सपना किरच किरच कर बैठा
हैराँ था अपने करतब पर
वो जब दुनिया रच कर बैठा
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Blog Archive
▼
2008
(62)
►
December
(1)
►
September
(1)
►
August
(12)
►
July
(1)
▼
May
(24)
शातिर हो गया
कब तक
दूध
सोच तो दूर
समझते हैं
रिटायर्ड – हर्ट
याद आये
इक राज़
आर्ट गैलरी
उसकी पाक़ीज़गी
मदद
किस ख़ूबी से अपना काम निकाला हैमैं तो समझा था वो भो...
तेरे ग़म से
कतराने लगा
बच कर बैठा
रोता रहा
सल्फ़ास
bhool sudhaar....
ईमान खो गया
देख ले
एक बाज़ी के सिवा क्या निकलीज़िन्दगी भी तो इक जुआ निक...
सजदा करूं
हमारे
मान लिया
►
April
(9)
►
March
(2)
►
February
(4)
►
January
(8)
About Me
adab-ghar
koi batlaaye ki ham batlaayen kyaa........
View my complete profile
No comments:
Post a Comment