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adab-ghar
Thursday, May 8, 2008
देख ले
फ़ुर्सत नहीं कि तू मुझे इक बार देख ले
ये दिन भी आ गये हैं मेरे यार, देख ले
सच्चों के सामने तो झुकें बादशाह भी
जा कर किसी फ़क़ीर का दरबार देख ले
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koi batlaaye ki ham batlaayen kyaa........
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