यूँ तसव्वुर में वो आ जाये तो सजदा करूं
रू ब रू पा जाऊं तो उससे बहुत झगड़ा करूं
मेरे घर में दर्द ने डाला है डेरा दोस्तों
फ़िक्र में हूं कैसे इस मेहमान को चलता करूं
रौनकें घर की थी जो, अब बोझ घर पर हो गईं
तंग-हाली में सयानी बेटियों क क्या करूं
वो समझता है कि उसके बिन मैं जी सकता नहीं
मैं बयाँ कर के हक़ीक़त क्यों उसे छोटा करूं
पवन दीक्षित
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1 comment:
गजब हकीकत
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